जिले के देवालयों , शिवालयों को पर्यटन व धार्मिक पर्यटन के लिए लाया जाएगा रोशनी में: डीएम

जिले के देवालयों , शिवालयों को पर्यटन व धार्मिक पर्यटन के लिए लाया जाएगा रोशनी में: डीएम
चंपावत जिले के कण- कण मैं शंकर व यहां की वादियों में ऐसे देवालय हैं जिनका पुराणों में है उल्लेख – जिलाधिकारी
चंपावत। मॉडल जिले के कण- कण में जहां शंकर के दर्शन होते हैं वहीं यहां कि देवभूमि के गर्भ में ऐसे देवालय व शिवालय हैं जिनका पुराणों में व्यापक उल्लेख है लेकिन इसे बाहरी दुनिया के लोग आज भी अनजान हैं । ऐसे स्थानों को पर्यटन व धार्मिक पर्यटन के मानचित्र में लाने के लिए जिलाधिकारी मनीष कुमार ने आज प्रमुख मंदिरों के पुजारीयो ,व्यवस्थापकों से सीधा संवाद किया । पहली बार किसी जिलाधिकारी द्वारा की गई इस नायाब पहल का सभी ने स्वागत किया।
जिलाधिकारी का विभिन्न मंदिरों के पुजारीयों ने सभी देवालयों व शक्तिपीठों का आंचल ओढ़ाते हुए उन्हें अपना आशीर्वाद दिया तथा ईश्वर से उन्हें अपार शक्ति व सामर्थ देने की कामना की गई। जिलाधिकारी का मानना था कि पूर्णागिरि का मेला ऐसे समय में होता है जब मैदानी क्षेत्रों में तपिश बढ़ती है लेकिन यहां आने वाले दर्शनार्थीयो को मां के दर्शन के बाद जिले के अन्य प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों की ओर रुख कराने की जरूरत है । इससे उन्हें नया वातावरण एवं देवालयों व शिवालयों की नई ऊर्जा मिलने के साथ समूचे जिले का पर्यटन विकास करने के द्वार और खुलेंगे ।
पूर्णागिरि, बाराही धाम की जहां वैश्विक पहचान रही है वहीं जिले में ऐसे स्थान है जिन्हें रोशनी में लाने के बाद इस ओर श्रद्धालुओं का प्रवाह होने लगेगा। महर – पिनाना का बद्रीनाथ के लघु रूप में स्थापित वैष्णवी शक्तिपीठ मंदिर कुमाऊं के बद्रीनाथ के रूप में नया डेस्टिनेशन सामने आ सकते हैं । बाराकोट के लड़ीधूरा पूर्णागिरी मंदिर, खूनाबोरा का पूर्णागिरी शक्तिपीठ मंदिर हैं जहां के लोगों की श्रद्धा व आस्था को देखते हुए मां पूर्णागिरि से उन्हें सदा उनके बीच रहते हुए उनकी रक्षा करने का वरदान मिला है ।
जिलाधिकारी द्वारा जिले के देवालयों से अमृत निकालने पर अब निकट भविष्य में महादेव कि “सप्तकोशी परिक्रमा” का मार्ग खुल गया है।
मानसखंड में रिषेश्वर , मानेश्वर ,हरेश्वर ,कांतेश्वर, डिप्टेश्वर,तारकेश्वर, सप्तेश्वर की परिक्रमा करने वालों को मानसरोवर तीर्थ यात्रा करने के बराबर पुण्य मिलता है। पूर्णागिरी धाम से आए पं०पूरन तिवारी, मोहन पांडे ,सुरेश तिवारी, नीरज पांडे ,नवीन तिवारी ,ने मेले को वर्ष भर आयोजित करने के लिए स्थाई तौर पर अवस्थापना विकास ,शारदा कॉरिडोर में मां पूर्णागिरी की चरण स्थली टनकपुर व बनवास को भी शामिल करने, लिफ्ट पेयजल योजना का निर्माण ,संचार सुविधाओं का विस्तार की मांग रखी ।
लड़ीधुरा मंदिर कमेटी के अध्यक्ष नगेन्द्र जोशी ने मंदिर परिसर में यात्रि विश्राम गृह बनाने भैरव राय ने देवीधार मंदिर श्रृंखला में पेयजल एवं संपर्क मार्गो का निर्माण , झूमाधुरी मंदिर के मोहन पाटनी व संजय पाटनी ने मंदिर परागण का विस्तार , राष्ट्रों व शौचालयों का निर्माण व्यांधुरा मंदिर से आए सुंदर चौहान , राजेंद्र प्रकाश, शंकर जोशी ने मंदिर में मैदान का निर्माण करने संचार सुविधा व बुडम से पुलिस गस्त करने, नगरूघाट के कमल बोहरा एवं जगदीश कॉलोनी ने इस स्थान के भारत नेपाल के लोगों का श्रद्धा स्थल होने के कारण स्नान घाट टिनसैट , मुक्तिधाम का निर्माण घटोत्कच मंदिर के मन मोहन व नवल किशोर ने मंदिर के विकास के लिए यहां कि भूमि की अदला बदली करने की मांग की। जबकि बाराही मंदिर कमेटी के अध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट एवं दीपक चम्याल ने भी “बग्वाल मेले ” की विस्तृत जानकारी दी। जिलाधिकारी स्वयं बाराही धाम में मेले की बैठक आयोजित करेंगे ।
गोलू देवता मंदिर के बसंत पांडे व श्याम सिंह कार्की ने भी महत्वपूर्ण जानकारियां दी। इस अवसर पर जिले के विभिन्न मंदिरों से आए पुजारियों एवं मंत्री कमेटी के अध्यक्षों द्वारा उनके यहां होने वाले मेलो को शांतिपूर्वक ढंग से संपन्न कराने में उल्लेखनीय सहयोग देने के लिए पुलिस अधीक्षक अजय गणपति को देवालयों का आंचल भेंटकर उनके प्रयासों को सराहा गया। इस अवसर पर एडीएम जयवर्धन शर्मा भी मौजूद थे।
फोटो – मंदिर के पुजारियों द्वारा जिलाधिकारी पुलिस अधीक्षक को देवालयों का आंचल ओढ़ाते हुए

