पौड़ी में बरसी आफत जगह-जगह टूटी सड़कें, मवेशी भी बहे, प्रशासन जुटा बचाव कार्यों में

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जिला प्रशासन आपदाग्रस्त क्षेत्रों में निरंतर रूप से नजर बनाए हुए हैंः जिलाधिकारी

एसडीआरएफ व राजस्व विभाग की टीम राहत एवं बचाव कार्य में जुटी

पौड़ी(चन्द्रपाल सिंह चन्द)।

थलीसैंण। विकासखंड के अंतर्गत चौथान पट्टी में बुधवार देर रात्री अतिवृष्टि होने से जगह जगह मोटर मार्ग अवरुद्ध हो गए। भारी बारिश के चलते घरों में मलवा भर गया व दो गौशालाएं ढह गई। जिसमें दबकर एक गाय व चार बकरियों की मृत्यु हो गयी जबकि दो भैंसे बह गई हैं। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को तत्काल प्रभावितों को सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। वहीं घटनास्थल पर एसडीआरएफ व राजस्व विभाग की टीम राहत एवं बचाव कार्य में जुटी है।

आपदा कंट्रोल रूम से जानकारी के अनुसार बुधवार देर रात को चौथान पट्टी के ग्राम जैंती डांग, जैंती चक व मगरों में अतिवृष्टि होने से अनेक घरों में पानी व मलबा भर गया था। जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान के निर्देशन में एसडीआरएफ व राजस्व विभाग की टीम निरंतर रेस्क्यू कार्य में जुटी हुई है। वहीं ग्राम मंगरो में गौशाला ढहने से ग्रामीण ठाकुर सिंह की एक गाय, ग्राम बांकुड़ा में दयाल सिंह की चार बकरियों की मृत्यु हो गई।

जबकि ग्राम कीमवाड़ी में रणजीत सिंह की दो भैंस बह गई। जिनकी खोजबीन की जा रही है। अतिवृष्टि से ग्राम जैंती चक में तीन पुलिया क्षतिग्रस्त व आठ आवासीय मकान में भूस्खलन से क्षति हुई है। जबकि ग्राम जैंती डांग में स्थानीय संपर्क मार्ग को जोड़ने वाले चार डाट पुलिया क्षतिग्रस्त हुई हैं। इसके अलावा पैदल रास्ते व पेयजल लाइन भी क्षतिग्रस्त हुई है।

जिलाधिकारी डॉ. चौहान ने पीड़ित परिवारों को हर सम्भव मदद दिये जाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिये कि गौशाला के अंदर मलबे से दबकर जिन मवेशियों की मृत्यु हुई है उनका मुआवजा पीड़ित परिवारों को तत्काल वितरित करें। उन्होंने पशुपालन विभाग को मृत मवेशियों का पोस्ट मार्टम करने हेतु निर्देशित किया है।

जिलाधिकारी ने लोनिवि के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अवरुद्ध मोटर मार्गों को तत्काल आवागमन हेतु सुचारु करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने जल संस्थान व विद्युत विभाग को पेयजल व विद्युत की व्यवस्था सुचारु करने हेतु निर्देशित किया है। जिलाधिकारी डॉ. चौहान ने कहा कि जिला प्रशासन आपदा प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर नजर बनाए हुए हैं।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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