सांस्कृतिक निदेशालय उत्तराखंड में लंबित बिलों का भुगतान को लेकर कलाकारों का प्रदर्शन

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सांस्कृतिक निदेशालय उत्तराखंड में लंबित बिलों का भुगतान को लेकर कलाकारों का प्रदर्शन

दिनेश भट्ट, पत्रकार

अल्मोड़ा। सांस्कृतिक निदेशालय उत्तराखंड में लंबित बिलों का भुगतान को लेकर कलाकारों का प्रदर्शन चल रहा था अब तक मामला जस का तस है। निदेशालय के द्वारा बिलों को भुगतन की जगह लोक कलाकारों को परेशान करने के लिए तरह -तरह के नियम बनाए जा रहे हैं। इतना बड़ा विभाग होने के बावजूद भी दूसरे विभागों से नूडल अधिकारी न्यूक्त किए जा रहे हैं। ताकि कल कोई भी समस्या को लेकर विभाग से वार्तालाप न‌ हो सके और एक विभाग दूसरे विभागों के अधिकारियों पर अपना टेकरा फोड़ सके जन हित में किसी के द्वारा या सांस्कृतिक विभाग द्वारा लोक कलाकारों के हित में कोई भी नई नियम या शर्तें लागू करने से पहले राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाता है। तथा एक माह का समय देकर नियम या शर्तों को आपत्ति ना होने पर लागू किया जाता है।

इन सभी बातों को विभाग द्वारा दरकिनार करते हुए लोक कलाकारों पर तुगलकी फरमान को जारी कर दिया जाता है। जिसका उत्तराखंड के सभी जनपदों में लोक कलाकारों के द्वारा विरोध किया जा रहा है। जिसके तहत लोक कलाकार वैल फेयर अशोशितन द्वारा मुख्यमंत्री को नय नियमों को निरस्त करने को लेकर ज्ञापन भी भेजा गया है। ज्ञापन प्रेषित करने में उदयाचल पर्वतीय कला समिति, अल्मोड़ा योगदान जन जागरण समिति अल्मोड़ा, नेहरू युवा सांस्कृतिक संध्या अल्मोड़ा, प्रवास सांस्कृतिक एवं जन कल्याण समिति अल्मोड़ा,धुंधु्ती कला एवं सामाजिक संस्था अल्मोड़ा,जय माता सुनंदा डाल अल्मोड़ा, आदर्श कला समिति अल्मोड़ा,विहान सामाजिक एवं सांस्कृतिक समिति अल्मोड़ा,लोक गायिका प्रियंका चम्याल एवं दल के समस्त नेता एवं कलाकार उपस्थित थे।

साथ ही वरिष्ठ कलाकार एवं रंग कर्मी गोपाल चम्याल का कहना है हमने कलाकारों के बजट को लेकर देहरादून बात की उनकी कहना है कि बजट आने के बाद आवंटित किया जाएगा। और उन्होंने लोक कलाकारों के उत्थान के लिए उत्तराखंड में संस्कृति विभाग को कोई नीति बनानी चाहिए और सरकार कलाकारों को नीती के तहत जोड़ना चाहिए।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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