कोर्ट में जिरह व फैसले हिंदी में हों – डॉ० डी वाई चंद्रचूड़, मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट

37 हजार निर्णयों का हिन्दी में अनुवाद हो रहा

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कोर्ट में जिरह व फैसले हिंदी में हों – डॉ० डी वाई चंद्रचूड़, मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट

पी.के. अग्रवाल, एडवोकेट
देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई डॉ. चंद्रचूड़ ने कहा है कि कानून की पढ़ाई हिन्दी व अन्य क्षेत्रीय भाषा में भी कराई जानी चाहिए। हिन्दी में ही जिरह हो और फैसले भी लिखे जाएं। उन्होंने कहा मुझे लगता है कि अधिवक्ता भी हिन्दी में बेहतरीन तरीके से पक्ष रखते हैं।

डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में न्यायमूर्ति डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अक्सर देश के तमाम शिक्षाविदों से विचार विमर्श करता हूं कि कैसे कानून की पढ़ाई को सरल किया जा सकता है। हम कानून के सिद्धांतों को सरल भाषा में आम जनता को नहीं समझा पा रहे हैं। इसमें कानूनी पेशे और शिक्षा की कमी नजर आ रही है। आरएमएलएनएलयू को एलएलबी कोर्स हिन्दी में जरूर शुरू करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विधि के इस शासन के लिए ही आज भारत जाना जा रहा है। आमजन, देश और दुनिया की धारणा बदलने के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

37 हजार निर्णयों का हिन्दी में अनुवाद हो रहा

सीजेआई डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में ऐसे कई निर्देश दिए हैं, जिससे न्याय की प्रक्रिया को आम लोगों के लिए आसान बनाया जा सके। सीजेआई ने बताया कि 1950 से 2024 तक सर्वोच्च न्यायालय के 37000 निर्णय है। इनका हिन्दी में अनुवाद हो गया है

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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