उत्तरकाशी: अस्पतालों की बदहाल स्थिति पर कांग्रेस का विरोध, मरीजों की जान से खिलवाड़ का आरोप


उत्तरकाशी: अस्पतालों की बदहाल स्थिति पर कांग्रेस का विरोध, मरीजों की जान से खिलवाड़ का आरोप
अस्पताल में नहीं इलाज, सिर्फ रेफर; कांग्रेस ने बताई स्वास्थ्य विभाग की सच्चाई
बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं पर कांग्रेस का हल्ला बोल, सीएमओ कार्यालय का घेराव
संवाददाता: ठाकुर सुरेंद्र पाल सिंह
उत्तरकाशी। जिला अस्पताल और महिला अस्पताल की जर्जर हालत को लेकर कांग्रेस पार्टी ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शुक्रवार को जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मनीष राणा के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) कार्यालय का घेराव करते हुए जमकर प्रदर्शन किया। कांग्रेस का कहना है कि जिले के अस्पताल अब इलाज के केंद्र नहीं, बल्कि मौत के अड्डे बन चुके हैं, जहां मरीजों की जान के साथ खुला खिलवाड़ हो रहा है।
कांग्रेस ने राज्यपाल को भेजे गए ज्ञापन में कहा है कि जिला अस्पताल और महिला अस्पताल की स्थिति इतनी दयनीय हो चुकी है कि वहां इलाज कराना जोखिम भरा हो गया है। महिला अस्पताल को मात्र एक ‘रेफर सेंटर’ बना दिया गया है, जहां प्रसव जैसी मूलभूत सुविधाएं भी मौजूद नहीं हैं। परिणामस्वरूप कई महिलाओं की मौत रास्ते में हो चुकी है या फिर उन्हें अस्पताल पहुंचने से पहले ही बच्चे को जन्म देने को मजबूर होना पड़ा है। यह न केवल प्रशासन की लापरवाही है बल्कि सरकार की संवेदनहीनता का प्रतीक भी है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जिला अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी है। हड्डी रोग विशेषज्ञ जैसी आवश्यक सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं और सामान्य रोगों के इलाज के लिए भी एक ही डॉक्टर पर पूरा ज़िला निर्भर है। लाखों-करोड़ों की लागत से लाई गई आधुनिक जांच मशीनें तकनीशियन के अभाव में वर्षों से बेकार पड़ी हैं। यह जानबूझकर की गई लापरवाही है ताकि मरीजों को निजी लैब और मेडिकल स्टोर की ओर मोड़ा जा सके और वहां से कमीशनखोरी की जा सके।
मनीष राणा ने कहा कि उत्तरकाशी का जिला अस्पताल अब ‘ट्रेनिंग सेंटर’ बनकर रह गया है, जहां प्रशिक्षु डॉक्टर भेजे जा रहे हैं जबकि अनुभवी चिकित्सकों को या तो स्वयं तबादला करवाना पड़ता है या उन्हें काम करने के लिए प्रतिकूल वातावरण में धकेल दिया जाता है। यह पूरी व्यवस्था एक सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा है जिसमें अस्पताल प्रशासन, भाजपा सरकार और मेडिकल माफिया की सीधी मिलीभगत है।
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि जन औषधि केंद्र सिर्फ दिखावे के लिए चल रहे हैं। आवश्यक दवाओं की भारी कमी है और मरीजों को मजबूरन बाहर के मेडिकल स्टोर से महंगी दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। अस्पताल में भर्ती मरीजों की सामान्य जांचें तक निजी लैब में करवाई जा रही हैं जिससे सीधा कमीशन लिया जा रहा है। यह आम जनता के शोषण की एक संगठित योजना है।
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दो दिन पूर्व एक गर्भवती महिला की मौत को प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम बताया और कहा कि यदि समय रहते उचित इलाज मिला होता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने जिला प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप लगाया और कहा कि अस्पताल अब केवल ‘रैफर सेंटर’ बनकर रह गए हैं।
इस मामले में सीएमओ डॉ. बीएस रावत ने कहा कि जांच बैठा दी गई है। एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट आने के बाद साफ साफ पता चल जाएगा कि मौत किस कारण हुई। उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रशासन हरसंभव कदम उठाकर स्थिति सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है।
सीएमओ से वार्ता के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे और वहां भी जमकर नारेबाजी कर सरकार और प्रशासन के खिलाफ अपना आक्रोश प्रकट किया। जिलाध्यक्ष मनीष राणा ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं किया गया तो कांग्रेस जनपद स्तर पर व्यापक आंदोलन शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक राजनीतिक लड़ाई नहीं है, बल्कि जनता के जीवन और अधिकारों की लड़ाई है, जिसमें कांग्रेस किसी भी हाल में पीछे नहीं हटेगी।
प्रदर्शन में मनीष राणा के साथ समशेर बिष्ट, दिनेश गौड़, विजेंद्र नौटियाल, जितेंद्र राणा, हरेंद्र थपलियाल, नवीन भट्ट, मोहित रावत, अनिल रतूड़ी, विपिन सेमवाल सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।



