युवाओं को नशे से दूर रखकर फौलादी बना रहे हैं कमांडो मनोज

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मैं भारत माता के दूध का उतार रहा हूं कर्ज। पहले सैनिक के रूप में राष्ट्र की की सेवा, अब कर रहा हूं समाज की सेवा – कमांडो मनोज।

युवाओं को नशे से दूर रखकर उन्हें फौलादी व बज्र के समान मजबूत कर रहे हैं मनोज।

लोहाघाट। आज के समय में उत्तराखंड में युवाओं का भविष्य बर्बाद कर मालामाल बनने की होड़ मची हुई है। ऐसे सामाजिक परिवेश में यदि कोई इन युवाओं को नशे से दूर रखकर उनका शरीर वज्र की तरह मजबूत एवं फौलादी बनाकर उन्हें देश के लिए तैयार कर रहा हो तो उसे मानव नहीं महामानव ही कहा जाएगा।

19 कुमाऊं के एनएसजी कमांडो से रिटायर होकर आए मनोज करायत। जब यहां के जीआईसी मैदान में रोज शारीरिक करतब दिखाते मनोज को सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे युवक एवं युवतियों ने देखा तो वे उनके निकट आते गए। मनोज ने उन्हें निशुल्क प्रशिक्षण देना शुरू किया। कुछ समय बाद जब सेना, अर्धसैनिक बल, पुलिस, होमगार्ड आदि में मनोज के द्वारा प्रशिक्षित किए गए युवाओं का चयन होने लगा तो उनकी युवाओं से निकटता लगातार बढ़ने लगी। लगातार प्रशिक्षण देने से युवक एवं युवतियों की शारीरिक क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि होने के साथ उनका चेहरा दूर से ही चमकने व दमकने लगा।

महाविद्यालय के अपने छात्रों में आए अभूतपूर्व परिवर्तन का कारण पूछने पर स्वामी विवेकानंद राजकीय पीजी कॉलेज के,स्वामी जी के संदेशों को युवाओं में व्यावहारिक रूप से पहुंचाते आ रहे असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ प्रकाश लखेड़ा को जब कमांडो मनोज के बारे में जानकारी मिली तो वह सुबह जीआईसी मैदान में उनसे मिलने गए तो युवाओं के बीच पसीने से लथपथ मनोज को बधाई देते हुए उनकी पीठ थपथपाई तो मनोज कहने लगे गुरुजी मैं कोई नया काम नहीं कर रहा हूं, भारत माता के दूध का कर्ज उतार रहा हूं।

पहले सैनिक के रूप में राष्ट्र की सेवा की थी अब सेवानिवृत होने के बाद समाज की सेवा कर रहा हूं। जब यह युवा सेना व अर्धसैनिक बलों में चयनित होते हुए आत्मविश्वास के साथ मिलने आते हैं तो उनके चेहरे की प्रसन्नता देखकर मेरी खुशी दोगुनी हो जाती है और मैं भगवान को धन्यवाद देने लगता हूं कि मुझे आपने ऐसी प्रवृत्ति व सोच दी है कि मैं किसी को खुशियां बांटने का माध्यम बना हूं। दिशाहीन होते जा रहे युवाओं को देखकर दुखी मनोज कहते हैं कि युवा जीवन का भले ही कोई भी क्षेत्र चुनें, उनका शरीर फौलादी एवं वज्र के समान होना चाहिए। मुझे स्वामी विवेकानंद जी से इस बात की प्रेरणा मिली है। आज देश के लिए ऐसे ही युवाओं की जरूरत है। ऐसे युवाओं के भविष्य को संवारने के लिए तो मैंने अपना शेष जीवन समर्पित कर दिया है।

ऐसी सोच एवं जज्बे को मेरा सलाम जो राष्ट्र व समाज की लगे हैं सेवा में – एसपी।

चंपावत। नशा व नशे के कारोबारियों को समाप्त कर उत्तराखंड को नशामुक्त करने के अभियान में जुटे पुलिस अधीक्षक अजय गणपति का कहना है कि नशे से ध्यान हटाकर युवाओं को शारीरिक रूप से फौलादी बनाकर उनमें जीवन की नई उमंग व तरंग पैदा करने में लगे सैनिक कमांडो मनोज करायत जो कार्य कर रहे हैं, उनके हर एक्शन में राष्ट्र व समाज का हित झलक रहा है। ऐसे सेना के रिटायर्ड कमांडो को जिला पुलिस परिवार की ओर से सम्मानित कर उनका उत्साहवर्धन किया जाएगा। आखिर वह पुलिस के लिए भी फौलादी युवक तैयार कर रहे हैं।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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