मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने लिया जनपद के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा

रूद्रप्रयाग: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने लिया जनपद के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा
Harish Chandra
*आपदा प्रभावित क्षेत्रों का किया हवाई सर्वेक्षण, राहत कार्यों की समीक्षा की*
*जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने प्रस्तुत किया आपदा एवं राहत कार्यों का विस्तृत ब्यौरा*
*आपदा पीड़ितों को हर संभव सहायता पहुंचाना हमारी प्राथमिकता- मुख्यमंत्री*
*आपदा की घड़ी में सरकार प्रत्येक व्यक्ति के साथ – मुख्यमंत्री*
*केदारनाथ यात्रा के द्वितीय चरण की तैयारियों को युद्धस्तर पर संचालित करने के निर्देश*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी आज शनिवार को जनपद रुद्रप्रयाग पहुंचे, जहाँ उन्होंने सर्वप्रथम आपदा प्रभावित बसुकेदार क्षेत्र अंतर्गत तालजामण, डूंगर, बड़ेथ, जौला, कमद, उछोला, छैनागाड़, पटुय आदि गांवों का हवाई सर्वेक्षण किया। तत्पश्चात उन्होंने जिला पंचायत सभागार, रुद्रप्रयाग में बैठक कर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे बचाव एवं राहत कार्यों, विद्युत, पेयजल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता, मोटर मार्गों की अद्यतन स्थिति तथा श्री केदारनाथ धाम यात्रा सीजन के द्वितीय चरण की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की।
*जिलाधिकारी द्वारा विस्तृत प्रस्तुतीकरण
जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग प्रतीक जैन ने मुख्यमंत्री को जनपद में मानसून काल तथा 28 अगस्त को आई आपदा से प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने आपदा के दौरान प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने एवं राहत शिविरों में आश्रय देने की व्यवस्था, खाद्यान्न किट, रिफ्रेशमेंट किट, सोलर लाइट, कंबल, टेंट, तिरपाल, टॉर्च, चिकित्सा सुविधाएं एवं मेडिकल कैंप संचालित किए जाने राहत एवं बचाव कार्यों में मानवीय संसाधन, हेली सेवा द्वारा प्रसव पीड़िताओं को अस्पताल पहुंचाना, खाद्यान्न वितरण आपदा से पशु क्षति, निजी संपत्ति एवं पशुधन क्षति, भवन व गौशालाओं की क्षति सहित सड़क मार्ग, पेयजल योजनाएं, विद्युत पोल-ट्रांसफार्मर, कृषि भूमि आदि प्रभावित हुए परिसंपत्तियों के बारे में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी।
जिलाधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री को जनपद के सड़क मार्गों पर जवाड़ी बाईपास, सिरोबगड़, मुनकटिया, गौरीकुंड हाईवे सहित संवेदनशील स्थलों तथा श्री केदारनाथ धाम पैदल मार्ग पर हुए नुकसान एवं सुधार कार्यों की जानकारी प्रस्तुत की गई तथा केदारनाथ यात्रा के दूसरे चरण में अनुमानित यात्रियों की संख्या, हेली सेवाओं एवं व्यवस्थाओं की जानकारी भी दी गई।
*जनप्रतिनिधियों द्वारा रखे गए सुझाव
विधायक रुद्रप्रयाग एवं विधायक केदारनाथ ने आपदा की घड़ी में त्वरित कार्यवाही के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में आपदा से हुई क्षति, सड़क मार्ग निर्माण एवं अन्य समस्याओं से भी अवगत कराया।
*मुख्यमंत्री का संबोधन
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष मानसून काल में समूचे प्रदेश ने आपदा के कारण कठिन परिस्थितियों और चुनौतियों का सामना किया है। उन्होंने प्रभावितों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और आपदा के समय जिला प्रशासन की तत्परता से कार्य करने पर सराहना की।
उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के प्रभावित क्षेत्रों में पहुँचने से परिवारों को हौसला मिला है उन्होंने सभी को प्रभावित लोगों को अपने परिवार का सदस्य समझकर सहायता करने का आग्रह किया उन्होंने कहा कि इस कठिन समय को चुनौती न मानकर स्वयं को साबित करने का अवसर समझना चाहिए।
मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री लगातार प्रदेश में आई आपदा की स्थिति की जानकारी उनसे समय समय पर लेते रहते है तथा वह स्वयं देहरादून पहुंचकर प्रभावितों से मिले और तत्काल प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचाने हेतु धनराशि उपलब्ध कराई।
उन्होंने सभी अधिकारियों को आगामी 30 सितम्बर तक अलर्ट मोड पर रहने और आपदा से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने श्री केदारनाथ धाम यात्रा के दूसरे चरण की तैयारियों पर विशेष ध्यान देते हुए कहा कि यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और यात्रा को सुगम बनाने हेतु युद्ध स्तर पर कार्य करना होगा।
उन्होंने नदी-नालों पर अतिक्रमण हटाने पर विशेष निर्देश दिए।
इस अवसर पर चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम कठैत, विधायक रुद्रप्रयाग भरत चौधरी, विधायक केदारनाथ आशा नौटियाल, राज्य मंत्री चंडी प्रसाद भट्ट, जिला पंचायत उपाध्यक्ष रितु नेगी, भाजपा जिलाध्यक्ष भारत भूषण भट्ट, भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष महावीर पंवार, जिलाधिकारी प्रतीक जैन, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे, अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं आमजन उपस्थित रहे।

