उत्तराखंड एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई- आयुष्मान कार्ड के लिए बायोमेट्रिक के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़, इस क्राइम में महिलाएं भी हैं शामिल

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उत्तराखंड एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई- आयुष्मान कार्ड के लिए बायोमेट्रिक के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़, इस क्राइम में महिलाएं भी हैं शामिल

साइबर क्राइम का मक्कड़ जाल ऐसा फैलता जा रहा है कि सोच से कोषों परे लगता है, इस डिजिटल युग में लगभग सभी ऑफिसियल अनऑफिसियल कामकाज कंप्यूटर डेटा को सुरक्षित मान भरोसे भी है लेकिन साइबर ठगों/चोरों का मक्कड़ जाल यहां तक अपने हाथ पैर पसार चुका है लेकिन इनकी गर्दन को पकड़ने में पुलिस प्रशासन भी कहां पीछे रहने वाला…पुलिस प्रशासन द्वारा अनगिनत साइबर ठगों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। फिर एक और उत्तराखंड एसटीएफ (साइबर पुलिस स्टेशन गढ़वाल रेंज) बड़ी कार्रवाई की है। एसटीएफ ने एक राष्ट्रीय घोटाले का नागपुर में भंडाफोड़ किया है।‌ गिरोह के शातिर नए सिम कार्ड जारी करने के लिए लोगों का बायोमेट्रिक लिया गया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि एक प्रकरण जनपद देहरादून निवासी पीड़ित द्वारा दर्ज कराया जिसमें उनके टेलीग्राम में एक ऑनलाईन ट्रेडिंग बिजनेस का विज्ञापन देखा जिसके लिंक पर क्लिक करने पर उनको एक अज्ञात वाट्सअप ग्रुप से जुडना बताया गया, चैंटिग करने के उपरांत शिकायतकर्ता को एक अन्य लिंक के माध्यम से एक इन्वेस्टमेंट ग्रुप में जोडकर तथा उक्त ग्रुप में पूर्व से जुडे लोगों द्वारा उसमें अपने प्रॉफिट की धनराशि के स्क्रीनशॉट शेयर किया जाना बताया जिसमें ऑनलाईन स्टाक मार्केट शेयर खरीदे व बेचे जाना बताया गया ।

शिकायतकर्ता द्वारा ऑनलाईन ट्रेडिंग करने के लिये अभियुक्तगणों द्वारा व्हाटसप के माध्यम से उपलब्ध कराये गये विभिन्न बैंक खातो में लगभग 23 लाख रुपये की धनराशी धोखाधड़ी से जमा करायी गयी ।
साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/ रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बरों / वाट्सअप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनी, मेटा कम्पनियों से डेटा प्राप्त किया गया । प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि साईबर अपराधियो द्वारा घटना में पीड़ित से अन्य व्यक्तियों के खातों (कमीशन बेस्ड खाते) का प्रयोग कर धोखाधडी की गयी धनराशि प्राप्त किये जाने हेतु प्रयोग करते थे ।

विवेचना के दौरान साईबर थाना पुलिस टीम द्वारा बैंक खातो तथा मोबाइल नम्बरों का सत्यापन कार्यवाही किया गया । पुलिस टीम द्वारा तकनीकी / डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर घटना की दो अभियुक्तो पुष्पा बारापत्रे पुत्री हीरामन बारापात्रे निवासी-गीडोबा मंदिर थाना बाट्ठोडा जिला नागपुर व श्रीमति यदम्मा सुल्तान पत्नी रामलु सुल्तान निवासी-गणेश अपार्टमेंट दिघोरी को चिन्ह्ति करते हुये अभियुक्तो की तलाश जारी की। जानकारी में आया की दोनों महिला अभियुक्ता भारत से बाहर विदेशी साईबर अपराधियों के लगातार सम्पर्क में है तथा एक अभियुक्ता यदम्मू सुल्तान का पुत्र राजू सुल्तान फिलिपींस में रहता है ,जो कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड है।

घटना में प्रयुक्त मोबाइल फोन में कई बैंक खातों, काफी मात्रा में सिम कार्ड की फ़ोटो व दस्तावेज आदि बरामद हुये है तथा अभियुक्तों के वाट्सअप के माध्यम से अन्य साईबर अपराधियो से सम्पर्क में होने के साक्ष्य प्राप्त हुये है । दोनों आरोपी महिलाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है|
अभियुक्तो द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से ट्रैडिंग बिजनेस का विज्ञापन प्रसारित कर लिंक के माध्यम से वाट्सअप ग्रुप में जोड़ कर ऑनलाईन ट्रेडिंग करने शार्ट टर्म में अधिक मुनाफा कमाने का झांसा देकर इन्वेस्ट के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी की जा रही थी । अभियुक्त वाट्सअप ग्रुप में विभिन्न शेयर में इन्वेस्ट करने के नाम पर मुनाफा होने के फर्जी स्क्रीनशॉट भेजा करते थे तथा खुद को अधिक लाभ होने के बात करते थे जिससे ग्रुप के जुडे पीड़ित इनकें झांसे में आकर धनराशि इन्वेस्ट कर देते थे ।

इन्वेस्ट की गयी धनराशि में मुनाफा दिखाने हेतु यह एक फर्जी लिंक का प्रयोग करते थे जिसमें इनके नाम के बनाये गये फर्जी खातो/डेसबोर्ड में इन्वेस्ट की गयी धनराशि मुनाफा सहित पीड़ित को दिखायी देती थी । जिससे पीड़ित को अधिक मुनाफा होने का भरोसा हो जाता था । विड्राल के नाम पर यह साईबर अपराधि पीड़ित के खाते में कभी कभी कुछ छोटी धनराशि भी भेज देते थे । जिससे पीड़ित को अपने साथ हो रही साईबर धोखाधड़ी का अंदेशा नही हो पाता था । अपराधियों द्वारा धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातों में प्राप्त कर उक्त धनराशि को अन्य खातों में स्थानान्तरण करते थे। अभियुक्तगणों द्वारा उक्त कार्य हेतु अन्य लोगों के चालू खाते खुलवाकर स्वयं इन्टरनेट बैंकिंग एक्टिव कराकर, इन्टरनेट किट प्राप्त कर लॉग-इन आडी पासवर्ड क्रिएट कर (कमीशन बेस्ड खातों) का प्रयोग कर अपराध कारित किया जाता है । यहां अपराधि यह भी विशेष रुप से ध्यान देते थे, कि इन खातों की विड्राल लिमिट कितनी है अधिक लिमिट वाले खाते इनकी प्रार्थमिकता में होते थे ।

पूछताछ में अभियुक्त द्वारा बताया गया कि मेरे द्वारा वर्तमान समय तक लगभग 4 से 5 हजार सिम कार्ड राजू सुल्तान को फिलीपींस भेजे गए हैं। उसने कई लोगों के बायोमेट्रिक लेकर कई हजार सिम कार्ड एक्टिवेट किये हैं। बैंक खातो में लिंक मोबाइल नम्बर उसी के द्वारा राजू सुल्तान को उपलब्ध कराए जाते थे। साईबर पुलिस द्वारा देश भर में विभिन्न राज्यों से प्राप्त शिकायतों के सम्बन्ध में जानकारी हेतु अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क कर रही है। प्रारम्भिक पूछताछ में अभियुक्तों ने साईबर अपराध हेतु विभिन्न लोगों के आयुष्मान कार्ड बनवाने के नाम पर बायोमेट्रिक लेकर सिम कार्ड एक्टिवेट कर उन सिम कार्ड का प्रयोग साईबर अपराध में प्रयुक्त बैंक खातों के मैसेज अलर्ट नम्बरों के रूप में को ठगी गयी धनराशि को जमा करने व निकालने में स्वीकार किया गया है ।

दोनों महिला अभियुक्ता के बैंक खातों के बैंक स्टेटमैन्ट में लाखों रुपये के लेनदेन किया जाना पाया गया है । जाँच में यह भी प्रकाश में आया है कि इन महिला अभियुक्ता के द्वारा एक्टिवेट किये गए मोबाइल नम्बरों के विरुद्ध देश के कई राज्यों में साईबर अपराधों की शिकायतें दर्ज है। महिला अभियुक्ता पुष्पा बारापत्रे पुत्री श्री हीरामन बारापात्रे निवासी-गीडोबा मंदिर थाना बाट्ठोडा जिला नागपुर व श्रीमती यदम्मा सुल्तान पत्नी रामलु सुल्तान निवासी-गणेश अपार्टमेंट दिघोरी नाका थाना हुडकेश्वर जिला नागपुर महाराष्ट्र शामिल हैं।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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