AI बदलेगा हर नौकरी का स्वरूप, पर खत्म नहीं करेगा: जागरूकता अभियान में विशेषज्ञों की राय


AI बदलेगा हर नौकरी का स्वरूप, पर खत्म नहीं करेगा: जागरूकता अभियान में विशेषज्ञों की राय
डॉ. भीमराव अंबेडकर पार्क में हुआ साप्ताहिक AI जागरूकता सत्र, युवाओं ने दिखाया उत्साह
हल्द्वानी। विजएआई रोबोटिक्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर पार्क, डमुवाडुंगा में साप्ताहिक एआई जागरूकता अभियान का एक और सफल चरण संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवा, अभिभावक और तकनीकी क्षेत्र से जुड़े लोगों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत विजएआई रोबोटिक्स की उपाध्यक्ष डॉ. आयुषी मठपाल ने एनवीडिया के सीईओ
जेंसन हुआंग के चर्चित कथन के साथ की:
“AI हर एक नौकरी को बदलेगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह नौकरी खत्म हो जाएगी।”
डॉ. मठपाल ने कहा कि एआई को विरोधी नहीं बल्कि एक सहायक तकनीक के रूप में देखा जाना चाहिए। जैसे मोबाइल और इंटरनेट ने जीवन के हर क्षेत्र में क्रांति ला दी, वैसे ही एआई भी कार्यशैली में बदलाव लाने वाला है। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा:
“जो लोग AI का उपयोग करना सीखेंगे, वे उन लोगों की जगह लेंगे जो इससे डरते रहेंगे।”
उन्होंने इसे भविष्य का मूलभूत जीवन-कौशल बताते हुए कहा कि जैसे कंप्यूटर चलाना आज जरूरी हो गया है, वैसे ही AI को समझना और उपयोग करना भी जल्द ही अनिवार्य हो जाएगा।
AI से जुड़े भ्रम तोड़ने की ज़रूरत
डॉ. मठपाल ने कहा कि:
• एआई नौकरियों को खत्म नहीं करेगा, बल्कि उन्हें नया रूप देगा।
• कुछ कार्यों का स्वचालन होगा, लेकिन मानवीय बुद्धिमत्ता और निर्णय क्षमता की आवश्यकता बनी रहेगी।
• हमें डरने की नहीं, सीखने की आवश्यकता है।
“बदलाव निश्चित है, लेकिन अगर हम तैयार हैं, तो यह बदलाव नई दुनिया की शुरुआत बन सकता है।”
जब मार्क जुकरबर्ग ने कहा — “AI एक टूल है, डर नहीं”
कार्यक्रम में फेसबुक के सह-संस्थापक मार्क जुकरबर्ग का एक विचार भी साझा किया गया जिसमें उन्होंने कहा:
“अगर आप AI के खिलाफ हैं, तो आप उन सुरक्षित कारों के भी खिलाफ हैं जो भविष्य में दुर्घटनाएं रोक सकती हैं, और उन चिकित्सा तकनीकों के भी खिलाफ हैं जो किसी की जान बचा सकती हैं।”
उन्होंने बताया कि किसी भी तकनीक का उपयोग अच्छे या बुरे दोनों उद्देश्यों से किया जा सकता है। जरूरत है तो जिम्मेदारी, नैतिकता और सही दिशा में विकास की।
AI से काम हुआ और भी सरल — डॉ. हेमचंद्र जोशी
कार्यक्रम में उपस्थित तकनीकी विशेषज्ञ डॉ. हेम चंद्र जोशी ने बताया कि किस प्रकार एआई हमारे कार्यों को सरल और सुचारु बना रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा:
“पहले जिस डेटा के विश्लेषण में कई दिन लग जाते थे, आज AI कुछ ही मिनटों में उस डेटा का गहराई से विश्लेषण कर सटीक परिणाम प्रस्तुत कर देता है।”
उन्होंने बताया कि चाहे वह व्यवसायिक निर्णय हों या चिकित्सा रिपोर्ट का विश्लेषण, एआई तेज़, सटीक और विश्वसनीय परिणाम देने में सक्षम है।
“AI सिर्फ समय की बचत नहीं कर रहा, बल्कि मानवीय भूलों को भी कम कर रहा है।”
AI में करियर की अपार संभावनाएं
डेटा साइंटिस्ट खजन महतोलिया ने AI से जुड़े करियर विकल्पों पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज AI केवल आईटी तक सीमित नहीं है — यह व्यवसाय, शिक्षा, चिकित्सा, सुरक्षा और मनोरंजन सभी क्षेत्रों में प्रवेश कर चुका है।
उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि वे इन क्षेत्रों में अपने कौशल को विकसित करें:
• डेटा साइंटिस्ट
• डेटा एनालिस्ट
• मशीन लर्निंग इंजीनियर
• AI इंजीनियर
• साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ
“जो युवा समय रहते इन स्किल्स को अपनाएंगे, वे तकनीकी युग में नेतृत्व करेंगे।”
अगला सत्र:
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अभियान का उद्देश्य:
“जानिए, सीखिए और नवाचार कीजिए। भविष्य को आकार दीजिए। आइए, उत्तराखंड को एआई का अग्रणी केंद्र बनाएं।”



