देहरादून: मसूरी में अवैध रेंटल स्कूटी का कारोबार जोरों पर, प्रशासन बेखबर

देहरादून: मसूरी में अवैध रेंटल स्कूटी का कारोबार जोरों पर, प्रशासन बेखबर!
प्राइवेट स्कूटी को किराये पर देकर खुलेआम उड़ाया जा रहा मोटर व्हीकल एक्ट का मजाक, स्थानीय लोगों ने की तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग
रिपोर्टर सुनील सोनकर
पहाडों की मसूरी में इन दिनों एक नया गोरखधंधा जोर पकड़ता जा रहा है। मॉल रोड और आसपास के क्षेत्रों में प्राइवेट नंबर वाली स्कूटी को रेंटल के नाम पर पर्यटकों को किराये पर दिया जा रहा है, जो साफ तौर पर मोटर व्हीकल अधिनियम, 1988 का उल्लंघन है।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा 66 और 192 के अनुसार, प्राइवेट रजिस्ट्रेशन (वाइट प्लेट) वाले वाहन को व्यावसायिक उद्देश्यों से किराये पर देना अवैध है। ऐसा करने पर वाहन जब्त होने के साथ-साथ ₹5,000 से ₹10,000 तक का जुर्माना और जेल तक का प्रावधान है। कमर्शियल उपयोग के लिए वाहन का परमिट, बीमा और फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य होता है।
स्थानीय लोग परिवहन विभाग, नगर पालिका और मसूरी पुलिस इस खुले उल्लंघन पर आंखें क्यों मूंदे हुए हैं?क्या इन गतिविधियों को अंदरखाने संरक्षण प्राप्त है?क्या पर्यटन सीजन में नियमों को ताक पर रखकर पैसा कमाने की खुली छूट दी गई है? स्थानीय लोगों की मांग है कि मॉल रोड और पर्यटन स्थलों पर तुरंत विशेष अभियान चलाकर जांच की जाए। प्राइवेट नंबर की स्कूटी को किराये पर देने वालों पर एफआईआर दर्ज की जाए। स्थायी रेंटल एजेंसियों को चिन्हित कर, लाइसेंस आधारित रेंट सिस्टम लागू किया जाए।
पर्यटकों की सुरक्षा बीमा की जिम्मेदारी तय की जाए, क्योंकि निजी स्कूटी में बीमा कवरेज अक्सर अमान्य होता है। सवाल सिर्फ कानून का नहीं, पर्यटन की छवि का भी है। इस तरह की अवैध गतिविधियों से मसूरी की छवि एक सुरक्षित पर्यटन स्थल के रूप में धूमिल हो रही है। यदि समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह गोरखधंधा न केवल कानून व्यवस्था को चोट पहुंचा , बल्कि वैध व्यवसायियों को भी हाशिए पर ले आएगा। इसी सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को जल्द प्राइवेट स्कूटियों को रेंटल पर देने वालो पर जल्द सख्त कार्यवाही करनी चाहिये।

