डिजिटल अरेस्ट, उगाही का नया हथकंडा, जरा सा चूके तो उड़ जाएगी मेहनत की कमाई
लोगों को ठगने के लिए डिजिटल अरेस्ट साइबर जालसाजों का नया हथकंडा बन गया है। गृह मंत्रालय के साइबर पोर्टल पर भी ऐसी शिकायतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। दिल्ली-एनसीआर में तो हर महीने औसतन 10 लोग इसके शिकार हो रहे हैं। इस साल 15 जून तक दिल्ली-एनसीआर में करीब 58 ऐसे मामले सामने आए हैं। कुछ ही मामलों में एक-दो गिरफ्तारियां हुईं। ज्यादातर मामले में कॉलिंग के लिए विदेशी नेटवर्क का इस्तेमाल किया गया। दिल्ली पुलिस के साइबर यूनिट के ज्वाइंट कमिश्नर बी.शंकर जायसवाल ने बताया कि वीडियो, ऑडियो व एनीमेशन के जरिये लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
यह धोखाधड़ी करने का तरीका है, जो साइबर ठग अपनाते हैं। इसके जरिए जालसाज कभी गैर कानूनी सामान का पार्सल भेजे जाने तो कभी बैंक अकाउंट से गैर कानूनी ट्रांजेक्शन होने की बात कह कर लोगों को डराते हैं। मामला दर्ज होने और गिरफ्तारी का भी भय दिखाते हैं। जब कोई इनके जाल में फंस जाता है तो ये उस शख्स से पुलिस अधिकारी बनकर वीडियो कॉल के जरिए बात करते हैं और उसे उसके घर में ही बंधक बना लेते हैं। अपराधी इस दौरान पीड़ित को वीडियो कॉल से हटने भी नहीं देते और ना ही किसी को कॉल करने देते हैं।
यहां करें शिकायत
● 1930 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं
● www.cyber crime.gov. in पर सहायता मांग सकते हैं
● सोशल मीडिया साइट एक्स पर @ cyberdost के माध्यम से भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं
● डराने या धमकाने का कोई कॉल आता है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें
● अगर कोई आपको किसी खास एजेंसी का अधिकारी बन बात कर रहा है तो आप उस एजेंसी को कॉल कर मदद मांग सकते हैं
● कॉल के दौरान पैसों के लेनदेन की बात न करें। निजी जानकारी भी साझा ना करें