अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एनयूजे(उत्तराखण्ड) ने दया जोशी को सौंपी संगठन की कमान

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एनयूजे (उत्तराखण्ड) ने दया जोशी को सौंपी संगठन की कमान

पुरूष प्रभुत्व वाले संगठनों को बड़ा संदेश……..

त्रिलोक चंद्र भट्ट
समाज की नींव से लेकर विकास तक हर कदम पर योगदान देने वाली महिलाओं के प्रति लैंकिग पक्षपात और असमानता को दूर करने के लिए उत्तराखण्ड के पत्रकारों की प्रमुख संस्था ‘नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स’ ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राज्य के पुरूष प्रभुत्व वाले संगठनों को एक बड़ा संदेश दिया है। अधिसंख्य पुरूषों के प्रभुत्व वाली संस्थाओं से इतर इस संगठन ने विभिन्न समाचार पत्र-पत्रिकाओं से जुड़ी महिला पत्रकार श्रीमती दया जोशी को निर्विरोध उत्तराखण्ड का अध्यक्ष बना कर पूरे राज्य की कमान सौंपी है। उत्तराखण्ड राज्य गठन के चौबीस सालों में यह पहला मौका है जब किसी मीडिया संगठन ने ‘महिला सशक्तिकरण’ के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए एक महिला पत्रकार को राज्यस्तरीय संगठन के शीर्ष पद पर आसीन कराया है।

दया जोशी के निर्विरोध चुने जाने पर नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने नोबल पुरस्कार प्राप्त रविन्द्रनाथ टैगोर के विचार उधृत करते हुए कहा है कि “हमारे लिए महिलाएं न केवल घर की रोशनी हैं, बल्कि इस रौशनी की लौ भी हैं।’’ संगठन ने कहा है कि महिलाओं के साथ लैंगिक भेदभाव, उत्पीड़न, यौन दुर्व्यवहार, वेतन में अंतर, दहेज उत्पीड़न, तथा वैवाहिक विलंब, अपमान और भेदभाव के विरूद्ध मीडिया एक बड़ी भूमिका में काम कर सकता है। इसी के दृष्टिगत ऊर्जा से लबरेज, दूरदर्शी, जीवन्त उत्साह और प्रतिबद्धता के साथ सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम दया जोशीे को संगठन की कमान सौंपी गयी है।

सुदूर ग्रामीण परिवेश में पली बड़ी तथा खेती – बाड़ी के कार्यों में दक्ष, जमीन से जुड़ी दया जोशी उस इलाके की पहली महिला पत्रकार है जो हर जटिलता से जूझ यहां तक पहुंची हैं। निर्भीक, निष्पक्ष तथा सामाजिक ज्वलंत मुद्दों को प्रमुखता से उठाना अपनी पत्रकारिता को प्रमुखता दी है।

*उत्तराखण्ड की जड़ों से जुड़े गुरूरानी बने महासचिव*
उनके साथ ही ग्रामीण परिवेश से पत्रकारिता में आने वाले सामुदायिक रेडियो संवाददाता गोपालदत्त गुरूरानी इस बार यूनियन के प्रदेश महासचिव बनाये गये हैं। पहाड़ी खेतीबाड़ी, बागबानी, तथा उत्तराखण्ड की लोकसंस्कृति को स्वयं में समाहित किये हुए जनसरोकारों की पत्रकारिता करने वाले गुरूरानी उत्तराखण्ड की संस्कृति में आ रहे बदलाव और भटकाव को देखकर सामाजिक मूल्यों की जड़े थाम कर अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए चिंतनशील हैं। स्वच्छ एवं स्वस्थ पत्रकारिता के पोषक गोपालदत्त गुरूरानी के महासचिव जैसे महत्वपूर्ण पद पर आने से संगठन के ‘विजन’ और ‘मिशन’ के समयबद्धता से पूर्ण होने की उम्मीदें बढ़ी हैं।

पहाड़ से मैदान तक सभी को प्रतिनिधित्व

अध्यक्ष और महासचिव इन दो प्रमुख पदाधिकारियों के अलावा जिन पदाधिकारियों और कार्यकारिणी सदस्यों को राज्य में जिम्मेदारी दी गयी है। उनमें दीपक पाठक और सुनील शर्मा उपाध्यक्ष, जगदीश उपाध्याय और पुष्पेन्द्र राणा सचिव, गिरीश सिंह बिष्ट और कैलाश चन्द्र भट्ट संगठन मंत्री, बाबा आदित्य दास और समीर परवेज प्रचार मंत्री तथा हरपाल सिंह को कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गयी है। कार्यकारिणी सदस्यों में राजकुमार केसरवानी, पूरन चन्द्र रूवाली, प्रमोद कुमार, चन्द्रशेखर जोशी, महेशानन्द जुयाल, सुरजीत बत्रा, संजय साह जगाती, अरूण कुमार मोगा, त्रिलोक चन्द्र भट्ट और स्वराजपाल शामिल हैं।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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